हर पल अपने में खास है
हर पल को खुलकर जीयो
जिंदगी को जीभरकर जीओ
दुख हो या सुख अविचल
मुश्किलों को भी हँसकर मिलो
अपनी एक स्मित से दुख में भी
किसी का दिल जो रोशन करे
चेहरे पे वो मुस्कान बनी रहे
अश्कों से रश्क जो दबे बहे जाए
नदिया का तरंगायित तरल
भर - भर उत्साह की हिलोर भरे
चंद्र किरण सी शुभ्र चंचल
सितारों से शोभित अंचल
न उदास रहो
अपने मन में नव प्रभात
का अलक्त प्रकाश भरो !
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